
उत्तरकाशी के पुरोला में नाबालिग लड़की को विशेष समुदाय के युवक द्वारा भगा ले जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर मामला अब पीएम मोदी तक भी पहुंच गया है। तो वहीं दूसरी ओर 52 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को इस बारे में पत्र लिखा है।
52 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य सचिव और डीजीपी को लिखा पत्र
पुरोला विवाद में मुख्य सचिव और डीजीपी को 52 पूर्व नौकरशाहों ने एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने प्रदेश में सांप्रदायिक स्थिति पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया है। पुरोला मामले में अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के पूर्व नागरिक सेवक रहे इस 52 पूर्व नौकरशाहों के समूह ने चिंता जाहिर की है।
उत्तराखंड में विकसित हो रही स्थिति व्यक्त की चिंता
इस पत्र में 52 पूर्व नौकरशाहों ने उत्तराखंड में विकसित हो रही स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा है कि पुरोला शहर में 15 जून 2023 को आयोजित की जाने वाली महापंचायत और 20 जून 2023 को टिहरी में आयोजित होने वाले रैली और “चक्का जाम” कार्यक्रम दोनों ही खुलेआम राज्य से मुसलमानों को निकालने के आह्वान के साथ जुड़े हुए हैं।
नफरत फैलाने वाले आयोजनों पर लगाई जाए रोक
अपने पत्र के जरिए पूर्व नौकरशाहों ने अनुरोध किया है कि इन तार्किक, साम्प्रदायिक और धमकी भरे कार्यक्रमों को इन तारीखों या किसी भी और तारीख पर ना होने दिया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्य पुलिस और प्रशासन संविधान, कानून और सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्देशों के मुताबिक काम करते हैं। नफरत वाले भाषण और गुंडागर्दी के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। इसलिए ऐसे नफरत फैलाने वाले आयोजनों पर रोक लगनी जरूरी है।
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