
चार जुलाई से कांवड़ मेले की शुरूआत हुई थी। इस से पहले ही हरिद्वार समेत पूरे उत्तराखंड में कांवड़ियों के आने की शुरूआत हो गई थी। जिसके बाद से भारी बारिश पर भी कांवड़ियों की श्रद्धा भारी पड़ती नजर आई।
कांवड़ियों की संख्या पहुंची चार करोड़ पार
हरिद्वार कांवड़ मेले में आने वाले कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ के पार पहुंच गई है। शुक्रवार शाम तक जल भरने वाले कांवड़ियों की संख्या तीन करोड़ 97 लाख से अधिक थी। इसके बाद से कांवड़ तीर्थयात्रियों के आने और जाने का सिलसिला जारी है।
बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रही धर्मनगरी
धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ियों के जयकारे ही हर तरफ गूंज रहे हैं। बम-बम भोले, हर हर महादेव के जयकारों से पूरा हरिद्वार गुंजायमान है। दिन पर दिन जल लेने आने वाले कांवड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार में ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।

सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए लगी कतारें
सावन की शिवरात्रि आज है। इस पावन अवसर पर हरिद्वार समेत प्रदेश के शिव मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। हरिद्वार के कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में और देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए रात से ही लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। कांवड़ यात्रियों के साथ ही आम लोग दक्षेश्वर महादेव मंदिर में रात से ही जलाभिषेक के लिए लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

क्यों खास है सावन शिवरात्रि ?
साल में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं। जिनमें से महाशिवरात्रि सबसे मुख्य होती हैं। इसके साथ ही सावन शिवरात्रि का भी खास महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। सावन में भी इसी दिन सावन शिवरात्रि मनाई जाती है।

मान्यता है कि सावन शिवरात्रि में शिव के जलाभिषेक करने और व्रत करने से भक्तों पर भगवान शिव औप माता पार्वती की कृृपा बनी रहती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।
BAM BAM BHOLE KI GAND MEIN DALO BOMB
ReplyDeleteARRE YEH BAM BAM BHOLE GANDOO KAUN HAI BHAI ?
ReplyDeleteYEH SHIVA PANDOO KAUN HAI ?
KYA YEH HAI ?
"When the sages saw Siva naked and excited they beat him and they said, 'Tear out your linga.' The great yogi said to them, 'I will do it, if you hate my linga', and he tore it out and vanished." -- Kurma Purana 2:38:39-41; cf. Haracaritacintamani 10:74; Yagisvaramahatmya 26a. 14.
In another version, the sages in the forest quote the legal texts regarding the penalty for seducing a guru's wife when they punish Siva:
"You false ascetic, let your (Siva's) linga fall to earth here. A shameless and evil man who has seduced another man's wife should be castrated; there is no other punishment ever. A man who has seduced his guru's wife should cut off the linga and testicles himself and hold them in his hands and walk until he dies." -- Siva Purana, Dharmasamhita 10:187-90; cf. B. K. Sarkar, pp.234-5. dindooohindoo
YEH GANDOO SHIVA KYA KH RAHA HAI ?
ReplyDeleteDevi refused this disgusting food, and finally Siva said, ‘I will give “you something never tasted”, by anyone else: the “wo balls resembling fruits below my navel”. Eat the testicles that hang there and be satisfied.’ Delighted by this gift, the goddesses praised Siva.” — Padma Purana 5:26:91-125; cf. Linga Purana
PAANCH KUTTE MARA GAYE !
ReplyDeleteI FEEL SO HAPPY
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