
वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कमर कस ली है। बोर्ड ने शुक्रवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि ग्रीन पटाखों को छोड़ सभी अन्य प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
ग्रीन पटाखे जलाने की मिली अनुमति
1 नवंबर से 31 जनवरी तक सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाए जा सकेंगे। यह निर्देश एनसीआर समेत राज्य के सभी जिले में लागू होगा। बोर्ड ने चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि प्रतिबंध विशेषज्ञों की रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के फैसलों के आधार पर लगाया गया है।
पटाखों का प्रदूषण बढ़ाने में मुख्य रोल
बता दें कि एचएसपीसीबी की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया है कि हरियाणा में अक्टूबर से जनवरी में वायु प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर रहता है। वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने में कई कारक शामिल होते हैं। इनमें पटाखों का भी अहम रोल होता है। पटाखों से धातु के कण,खतरनाक विषाक्त पदार्थ, हानिकारक रसायन और हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो न सिर्फ हवा पर प्रभाव डालते हैं बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। जिस कारण पटाखों पर रोक लगाना जरूरी है।
हरियाणा में पटाखे की कई फैक्ट्रियां
बता दें कि हरियाणा राज्य के करनाल,यमुनानगर, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, हिसार और रोहतक समेत अन्य जिलों में पटाखे बनाने की फैक्ट्रियां है। हरियाणा में थोक पटाखा कारोबार करीब 500 करोड़ रूपये का है। साल 2021 में एनसीआर को छोड़कर बाकी शहरों में दिवाली के दिन कुछ घंटे के लिए पटाखे चलाने की अनुमति दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि इस बार सख्ती ज्यादा है, इसलिए पटाखे संबंधी आदेश भी जल्दी जारी कर दिए गए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से जारी ग्रेप के दिशा-निर्देश भी एक अक्तूबर से लागू हो जाएंगे।
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