देशभर में आज 12 नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार को पूरे भारत में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दीपावली रौशनी, उल्लास और शुभकामनाओं के प्रतीक है। दीपावली की रात लक्ष्मी- गणेश की पूजा की जाती है। ऐसे में शुभ मुहूर्त में विधि विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं। आइये जानते है दिवाली की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिंट से लेकर 7 बजकर 36 मिंट तक है। वहीं लक्ष्मी पूजा के लिए रात 11 बजकर 38 मिंट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिंट तक है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
ऐसे करें दिवाली में पूजा
दिवाली के दिन मुख्य रुप से मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। ऐसे में सबसे पहले पूजा के लिए पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाए। फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। फिर कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे के फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच मैंम देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। अब एक छोटी सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं। हल्दी से कमल का फूल बनाएं। कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रख दें। इसके बाद व्यापार लेख पुस्तक और अन्य धन से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं इसके साथ हज कलश पर तिलक लगाएं, भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को फूल चढ़ाए और पूजा के लिए अपनक हथेली में कुछ फूल रखें। अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें।
लक्ष्मी जी की मूर्ति को पानी में स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। फिर साफ कपड़े से पोछकर वापस रख दें। मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल चढ़ाएं। माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं। फिर नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें। थाली में दिया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।
दिवाली पूजा मंत्र
मां लक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीहीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद श्रीं हीं श्रीं ऊं महालक्ष्मी नमः।
श्री गणेश मंत्र
गजनानभभूततगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारूभक्षणम।
उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्ने श्वरपादपंकजम
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GANESH RANDUA ! HE WAS CREATED BY HIS RANDI MAIYA PARVATI FROM HER MENSTRIUAL FLUID, AS HER SEX TOY !
ReplyDeletePAPA CAME TO KNOW AND CHOPPED HIS HEAD OFF !
THEN PAPA BROUGHT HIM TO LIFE AND BROKE HIS TOOTH AS A SYMBOL FOR BANGING MOMMY AND PUT A ELEPHANT HEAD WITH THE TRUNK AS HIS DICK AND AS A BABY FOREVER !
STILL THE HINDOO RANDUAS PRAY TO THIS MADARCHOD !
WHY DO HINDOO RANDOOS PRAY TO RAMA RANDUA WHO COULD NOT SAVE HIS RANDI WIFE FROM BEING RAPED !
NEPALEEE RANDEEE SEETA WAS RAPED BY RAVANA
Seeta herself states in the Yuddha Kanda that she was banged by Ravana
PHASE 1 – RAMA OPENLY TELLS SEETA MAIYA THAT SHE MUST HAVE BEEN FUCKED BY RAVANA
Book VI : Yuddha Kanda – Book Of War
Chapter [Sarga] 115
कः पुमांस्तु कुले जातह् स्त्रियं परगृहोषिताम् |
तेजस्वी पुनरादद्यात् सुहृल्लेख्येन चेतसा || ६-११५-१९
“Which noble man, born in an illustrious race, will take back a woman who lived in another’s abode, with an eager mind?”
न हि त्वां रावणो दृष्ट्वो दिव्यरूपां मनोरमाम् |
मर्षयेत चिरं सीते स्वगृहे पर्यवस्थिताम् || ६-११५-२४
“Seeing you, who are endowed with a beautiful form and attractive to the sense, detained for long in his abode, Ravana could not have endured your separation.”
PHASE 2 – SEETA HERSELF ADMITS THAT SHE WAS DRY FUCKED BY RAVANA – BUT WHILE SHE WAS LAID – HER HEART HAD ONLY RAMA THE LIMPDICK ! THESE ARE THE WORDS OF SEETA MAIYA !
Book VI : Yuddha Kanda – Book Of War
Chapter [Sarga] 116
यद्यहं गात्रसंस्पर्शं गतास्मि विवशा प्रभो |
कामकारो न मे तत्र दैवं तत्रापराध्यति || ६-११६-८
“O lord! It was not my willfulness, when I came into contact with the person of Ravana. I was helpless. My adverse fate was to blame on that score.”
मदधीनं तु यत्तन्मे हृदयं त्वयि वर्तते |
पराधीनेषु गात्रेषु किं करिष्याम्यनीश्वरा || ६-११६-९
“My heart, which was subservient to me, was abiding in you. What could I do, helpless as I was, with regard to my limbs which had fallen under the sway of another?”